बच्चों को नैतिक मूल्यों की शिक्षा दिया जाना जरूरी

देहरादून। प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के स्थानीय सेवाकेन्द्र सुभाषनगर में बाल दिवस के उपलक्ष्य में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में उपस्थित बच्चों व सभाजनों को सम्बोधित करते हुए राजयोगिनी ब्रह्मकुमारी मंजू बहन ने 'बाल मन की बातंे' इस विषय पर कहा कि आज हर एक बच्चा यही चाहता है कि पढ लिखकर वह एक उच्च अधिकारी बन जाये और संसार में एक  ऊचा स्थान प्राप्त कर ले, लेकिन हमारे जीवन का उद्देश्य केवल आर्थिक पक्ष मजबूत करना नही बल्कि सर्वांगीण विकास होना चाहिये, जिसमंे  मानसिक, नैतिक, बौद्धिक, आर्थिक सभी प्रकार का विकास शामिल है, लेकिन आज हमारा ध्यान केवल और केवल धन कमाने पर ही रह गया है, जिस कारण नैतिक मूल्यों पर ध्यान ना होने के कारण उच्च शिक्षा से एक बच्चा व्यवसाय में तो ऊचा स्थान प्राप्त कर सकता है लेकिन किसी के दिल में नही।

बहन जी ने बच्चों को आगे समझाते हुए कहा कि एक बडा आदमी बनना बडी बात नही लेकिन एक अच्छा आदमी बनना बडी बात है, आज के समय में एक बच्चा एक बहुत बडा डाक्टर, बडा वकील बन जाता है, लेकिन मूल्यों के अभाव में एक अच्छा इंसान नही बन पाता, एक अच्छा बेटा, एक अच्छा भाई, एक अच्छा पिता नहीं बन पाता । उन्होने कहा कि जहां एक तरफ संसार में हर वस्तु का मूल्य बढ रहा है, वही दूसरी और जीवन से ईमानदारी, सच्चाई, सहयोग, मधुरता, उदारता जैसे नैतिक मूल्यों का हृास हो रहा है । जिसके लिये हमें राजयोग सीखनें की आवश्यकता है। राजयोग अर्थात अपने मन का सम्बन्ध ईश्वर से जोड़ना। बहन जी ने कहा कि एक कहावत है कि मूर्खों का राजा बनने से तो ताज मूर्ख शिरोमणि का ही मिलेगा, महाराजा का नहीं। वर्तमान समय आवश्यकता है मन का राजा बनने की। राजयोग हमें अपने मन का राजा बनाता है और जिसका अपने मन पर राज्य अर्थात नियन्त्रण है, उसकी यह कन्ट्रोलिंग पावर ही संसार में व्याप्त बुराइयों पर कन्ट्रोल करने में उसे सक्षम बनाती है। इस अवसर पर बच्चों को बाल दिवस के उपलक्ष्य में मनोरंजक खेल व सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया। कार्यक्रम में अमिषा, बूवी, महक, शिवार्य, आदर्श, शिवम्, अनुष्का, शिवांगी आदि बच्चों के साथ साथ स्वाती, शालिनी, विजय, अनूप आदि उपस्थित रहे।